खेल-खेल में बच्चों को पढ़ाने की दिशा में हो रही पहल।
रमेश शंकर झा।
समस्तीपुर:- एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) योजना के तहत संचालित जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों की दशा व दिशा बदलने लगी है। इस क्रम में आईसीडीसी के स्तर से आंगनबाड़ी केंद्रों को हाईटेक बनाया जा रहा है। इसके लिए विभाग ने जिले के 36 आंगनबाड़ी केंद्रों का चयन किया है। जिनको मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाना है। इस क्रम में अब तक जिले के 30 केंद्रों को मॉडल बनाया जा चुका है। विभागीय जानकारी के अनुसार जिले निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शेष बचे आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल बनाने के दिशा में युद्धस्तर पर काम शुरू किया जाएगा। इन आंगनबाड़ी केंद्र भवनों में पेयजल एवं शौचालय की समुचित व्यवस्था होगी। उल्लेखनीय है कि योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण स्तर के बच्चों को प्ले स्कूल की तर्ज पर शिक्षा दी जा सके। ताकि वह बौद्धिक व मानसिक रूप से विकसित हो सकें।
*मॉडल होने के बाद बदल जाएगा लुक:-*
आईसीडीएस की डीपीओ ममता वर्मा ने बताया की चयनित आंगनबाड़ी केंद्रों के मॉडल होने के बाद उनका लुक बदल जाएगा। केंद्रों में नामांकित बच्चों को आने वाले दिनों में खेल-खेल में ही पढ़ाया जा सकेगा। मॉडल होने के बाद आंगनबाड़ी केंद्र में फर्नीचर, खाने की वस्तुएं, औजार, दवाइयां, सीखने- सिखाने का सामान, किताबें, खिलौने, संदेश और जानकारी की सामग्री बांटने आदि की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। जिसका लाभ आंगनबाड़ी केंद्र पर नामांकित बच्चों को मिलेगा।
*अबतक 30 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण:-*
आईसीडीएस की जिला समन्वयक निशू कर्ण ने बताया मॉडल तकनीकी के तहत 30 केंद्र का निर्माण कार्य पूरा कर उसे संचालित भी किया जा रहा है। ये सभी केंद्र छोटे बच्चों के समग्र विकास के लिए उनके शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास में सहायक होगा। उनके स्वस्थ्य जीवन में स्कूल पूर्व शिक्षा और पोषाहार का भी आधार है। बच्चों के समग्र विकास के लिए प्ले स्कूल की तर्ज पर आंगनबाड़ी में बच्चों को सुविधा दी जाएगी। इसको लेकर जिले में 36 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र भवन का निर्माण कराया जाना है। इन भवनों का निर्माण बाढ़ तथा भूकंप जैसी आपदाओं से बचाव को ध्यान में रखते हुए कराया जाएगा।
*कोविड-19 के नियमों का पालन जरूरी:-*
घर से बाहर निकलते समय मास्क अवश्य पहने।
अपने साथ अल्कोहलयुक्त हैंड सैनिटाइजर भी रख लें।
लोगों से दो गज की जरूरी दूरी बनाकर चलें और मिलें।
समय-समय पर साबुन से अनिवार्य रूप से हाथ धोएं।
बिना कारण भीड़-भाड़ न जुटने दें और न ही भीड़ में जाएं।