वंदना झा,
नवादा:- जिले के हिसुआ प्रखंड के निवासी डॉ० अविनाश कुमार ने देश के ध्रुवीय अनुसंधान में फ़िर अपनी योग्यता का लोहा मनवाया है। ध्रुवीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली के पृथ्वी भवन में उन्हें नेशनल मेरिट सर्टिफिकेट अवार्ड से नवाजा गया। वहीं राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के यूनियन मिनिस्टर डॉ० जितेन्द्र सिंह ने मंगलवार को अर्थ साइंसेज मंत्रालय के फाउंडेशन डे के अवसर पर वर्चुअल प्लेटफार्म से उन्हें यह सम्मान दिया।
बताते चलें कि देश में ध्रुवीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नेशनल अवार्ड के लिए सिर्फ डॉ० अविनाश कुमार का ही चयन हुआ था। उनके साथ विज्ञान एवं प्रद्योगिकी के अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले देश के 5 अन्य वैज्ञानिक भी सम्मानित हुए हैं। यह गौरव की बात है कि ध्रुवीय अनुसंधान जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर डॉ० अविनाश के योगदान को देश स्तर पर लगातार पहचान मिल रही है। विगत वर्ष दिसम्बर माह में भी लोकसभा के सदस्य मनोज तिवारी ने डॉ० अविनाश को दिल्ली के विज्ञान भवन में सातवें अटल अवार्ड से सम्मानित किया था।
*देश को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने का है लक्ष्य:-*
नेशनल अवार्ड हासिल करने के बाद डॉ. अविनाश कुमार ने बताया कि ध्रुवीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अभी भी कई स्तर पर अनुसंधान करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि वह ध्रुवीय अनुसंधान के क्षेत्र में देश को विश्व स्तर पर विशेष पहचान दिलाने की कोशिश करते रहेंगे। उन्होंने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने परिवार जनों, मित्रों, गुरुओं एवं हिसुआ के तमाम लोगों को देते हुए कहा कि उनका यह मुकाम उनसे संबंधित लोगों के सहयोग एवं आशीर्वाद से ही संभव हो सका है।
*उज्जवल भविष्य की परिवार जनों ने की कामना:-*
डॉ० अविनाश के पिता डॉ० अमरनाथ राव ने अपने पुत्र की सफलता पर ख़ुशी जाहिर की और उन्होंने डॉ० अविनाश के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि डॉ० अविनाश ऐसे ही देश की प्रगति में अपने अनुसंधान को जारी रखें एवं अपने क्षेत्र के साथ बिहार के नाम को भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाएं। वहीं डॉ० अविनाश के बड़े भाई डॉ० शिशुपाल राव जो गोविंदपुर पीएचसी में मेडिकल ऑफिसर के तौर पर कार्यरत हैं, उन्होंने भी अपने छोटे भाई को सम्मान मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि ऐसे सम्मान से सिर्फ परिवार को ही गर्व महसूस नहीं होता है, बल्कि उनके क्षेत्र के अन्य लोगों को भी गर्व महसूस होता है। कोडरमा के डीवीसी यूनिट में अपनी सेवा दे रहे डॉ० अविनाश के चाचा शिवलोचन राव ने भी उनकी सफलता पर उनको बधाई दिया है।
*वर्ष 2015 में अंटार्कटिक महासागर में 4 महीने रहकर किया था रिसर्च:-*
गोवा के नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओसियन रिसर्च, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (भारत सरकार) में सीनियर पोलर साइंटिस्ट के रूप में कार्यरत हैं। वर्ष 2020 में कोरिया पोलर रिसर्च इंस्टिट्यूट द्वारा बेस्ट पोलर साइंटिस्ट का अवार्ड हासिल किया था। वर्ष 2019 में जापान में पोलर रिसर्च को लेकर देश का प्रतिनिधित्व कर देश का गौरव बढ़ाया। वहीँ वर्ष 2018 में कार्यशाला दाबोस, स्वीटजरलैंड में पोलर रिसर्च पर आयोजित वैश्विक कार्यशाला में सम्मलित होकर अपने अनुसंधान का लोहा मनवाया। साथ ही वर्ष 2017 में पोलर रिसर्च को लेकर दक्षिण कोरिया का दौरा किया, जहाँ उन्हें यंग रिसर्चर सम्मान से सम्मानित किया गया। वर्ष 2015-16 में अफ्रीका का दौरा करते हुए अंटार्कटिक महासागर में 4 महीने से अधिक पोलर रिसर्च पर कार्य किया। उनका रिसर्च अनुसंधान 50 से ज्यादा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित में भी हुआ है।