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पटना:- सारण लोकसभा क्षेत्र में एनडीए के चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए राजद ने अभिमन्यु की तलाश शूरू कर दी है। अगर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार से कोई लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ता है तो ऐसे में सारण का अभिमन्यु कौन बनेगा इसकी तलाश जोर-शोर से शुरू हो गई है।अभी भले ही लोकसभा चुनाव में विलंब है पर बिहार के सारण लोकसभा क्षेत्र से राजद ने अपनी तैयारी युद्ध स्तर पर प्रारंभ कर रखी है सारण वह लोकसभा क्षेत्र है जहां से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सांसद रहे हैं राजद के लिए यह सीट हमेशा मददगार रही है फिलहाल यहां से भाजपा के राजीव प्रताप रुढी सांसद हैं। राजीव प्रताप रूडी बड़े कद के नेता होने के बावजूद अपने ही दल में उपेक्षा के शिकार हैं वाजपेई सरकार और मोदी सरकार पार्ट वन में केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा रहे राजीव प्रताप रूडी का बेहतर रिकॉर्ड होने के बावजूद केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिलना उनके समर्थकों वह जरूर मायूस करता है।
सारण सीट पर यादव और राजपूत मतदाता निर्णायक भूमिका में है। दोनों जातियों का अपना अपना वोट बैंक है चुनाव के समय जिस जाति का मामूली वोट बैंक भी दूसरी तरफ से होता है उस तरफ के प्रत्याशी जीत जाते हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में राजद ने यहां से चंद्रिका राय पर दांव लगाया था चंद्रिका राय को टिकट देने से लेकर चुनाव प्रचार तक में राजद के अंदर ही विरोध चल रहा था यह विरोध परिणाम में भी देखने को मिला तमाम कवायद के बावजूद चंद्रिका राय राजीव प्रताप रूडी से चुनाव हार गए हालांकि उसके पहले के लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को भी राजीव प्रताप रूडी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। सारण लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 6 विधानसभा आते हैं सोनपुर, गरखा सुरक्षित ,परसा ,अमनौर, मढ़ौरा और छपरा सदर। 2020 के विधानसभा चुनाव में इन 6 सीटों में से 4 सीटों पर राजद का कब्जा है जिन 2 सीटों पर राजद को हार का सामना करना पड़ा वहा भी हार जीत का अंतर काफी कम रहा है।
छपरा सीट से राजद के टिकट पर चुनाव हारने वाले पूर्व विधायक रणधीर सिंह सारण के राजनीति के कद्दावर नेता प्रभुनाथ सिंह के पुत्र हैं उनके साथ भितरघात हुआ वही अमनौर से चुनाव हारने वाले सुनील राय राजद के छपरा के जिला अध्यक्ष हैं। सुनील राय के साथ भी अंतिम समय में कैडर वोट बिखर गया। सारण की राजनीति में फिलहाल लोकसभा चुनाव की चर्चा इसलिए हो रही है कि अब लालू परिवार से इतर राजद स्थानीय स्तर पर चुनाव जीताऊ चेहरे की तलाश में लग गया है। बिस्कोमान के चेयरमैन राजद विधान पार्षद और पार्टी के बिहार प्रदेश के कोषाध्यक्ष सोनपुर विधानसभा के डुमरी बुजुर्ग निवासी सुनील कुमार सिंह सारण लोकसभा क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं से लेकर लोगों तक में पहली पसंद के रूप में बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं।
सुनील कुमार सिंह राजपूत बिरादरी से आते हैं पर सभी समाज के बीच में काफी लोकप्रिय हैं लालू परिवार से इनके काफी घनिष्ठ संबंध है राबड़ी देवी इनकी मुंह बोली बहन है, बुरे वक्त में सुनील कुमार सिंह परिवार की सदस्य की भांति हर कदम नजर भी आते हैं इस कारण अगर सारण लोकसभा क्षेत्र से राजपूत बिरादरी के उम्मीदवार की चर्चा होती है तो सुनील कुमार सिंह अकेले दावेदार हैं।
सुनील कुमार सिंह की कोरोना काल में पूरे सारण लोकसभा में सक्रियता भी भविष्य की राजनीति के बड़े बदलाव की तरफ संकेत करती है। दूसरी तरफ यादव समुदाय से मढ़ौरा से जीत का हैट्रिक लगाने वाले जितेंद्र राय सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं जितेंद्र राय के पिता यदुवंशी राय भी विधायक रहे जितेंद्र राय अपने चिकित्सक भाइयों के माध्यम से पूरे जिले के अंदर हेल्थ कैंप लगाकर लोगों की नब्ज टटोल रहे हैं पार्टी में भी जितेंद्र राय गुड बुक में शामिल हैं। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार यादव समुदाय से आने वाले पार्टी के जिला अध्यक्ष व अमनौर से लगातार तीन बार कड़ी टक्कर देने वाले सुनील राय भी लोकसभा टिकट के प्रबल दावेदार हैं। यादव समुदाय से आने वाले सोनपुर के विधायक डॉ रामानुज प्रसाद व हाल ही में पार्टी में शामिल होकर परसा से जीत का गिफ्ट देने वाले छोटे लाल राय भी लोकसभा टिकट के दावेदारों में शामिल है। जिला स्तर का कोई भी नेता इस मुद्दे पर खुलकर बोलने को तैयार नहीं है पर जब तैयारियों के संदर्भ में पूछा जाता है तो कहा जाता है कि जिस किसी को टिकट मिले इस बार रिकॉर्ड मतों से जीत होगी।
स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रूडी को हर मोर्चे पर घेरने के लिए राजद ने फुलप्रूफ रणनीति बना रखी है खामोश रहने वाले जिला स्तर के नेता भी अब मुखर हो गए हैं सोशल मीडिया व मेंस्ट्रीम मीडिया में अब खुलकर बोलने लगे हैं स्थानीय मुद्दों पर सांसद को घेरने लगे हैं। छपरा राजद जिला अध्यक्ष सुनील राय इस सवाल के जवाब में कहते हैं कि यह मायने नहीं रखता की टिकट किसे मिलेगा पर जीत राजद की होगी इसकी हंड्रेड परसेंट गारंटी है। सूत्र बताते हैं कि सारण से ही सटे महाराजगंज में यदि रघुवंशी यानी क्षत्रिय समाज का उम्मीदवार होगा तो छपरा में यदुवंशी यानी यादव समाज का उम्मीदवार देना पड़ेगा पर सेटिंग गेटिंग के चलते अभी सिवान महाराजगंज और सारण लोकसभा सीट पर कौन चुनाव लड़ेगा इसका निर्णय पार्टी सुप्रीमो को ही लेना है।अनूप नारायण सिंह।