रमेश शंकर झा
समस्तीपुर बिहार।
समस्तीपुर:- जिले के समाहरणालय के सभागार में नाबार्ड द्वारा केन्द्र प्रायोजित विभिन्न योजनायें जैसे की डेयरी उद्यमिता विकास योजना, राष्ट्रीय पशुधन मिशन, एग्री क्लीनिक तथा एग्री बिज़नेस सेंटर जिनका कार्यान्वयन विभिन्न बैंकों के माध्यम से किया जाना हैं। इसी के संबंध में बैंक आधिकरियों, विभिन्न सरकारी विभागों, मिथिला दुग्ध यूनियन से सम्बद्ध समितियों, जीविका के प्रतिनिधियों, एनजीओ के प्रतिनिधियों एवं लाभार्थियों हेतु एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला का उद्घाटन डीडीसी वरुण कुमार मिश्रा तथा नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक सत्यजीत भट्टाचार्य के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। वहीँ कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए डी डी सी ने नाबार्ड द्वारा ग्रामीण विकास के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों की सराहना किया।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि केन्द्र प्रायोजित योजनायें समाज के कमजोर वर्ग को ध्यान में रखते हुए बनाये जाते हैं। जिसका उदेश्य इन लाभुको को विभिन्न गतिविधियों हेतु ऋण की उपलब्धता कराना हैं। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के संबंध में अधिक से अधिक जागरूकता की आवश्यकता है, तकि इन योजनाओं के क्रियान्वयन को गतिशीलता मिल सके।
इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक जयंत विष्णु ने बताया कि बैंकर्स एवं अन्य स्टेकहोल्डर्स के मध्य योजनाओं से सबंधित जागरूकता बढाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में उन्होंने प्रजेन्टेशन के माध्यम से सभी योजनाओं के सबंध में प्रतिभगियों को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 हेतु डेयरी उद्यमिता विकास योजना के अन्तर्गत बिहार राज्य में रूपये 16.26 करोड़ की निधि आबंटित की गयी है।
जिसका उदेश्य डेयरी एवं इसपर आधरित व्यवसाय हेतु बैंक ऋण के विरूद्ध लाभुकों को सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा ताकि उनमें उद्यमिता का विकास हो सके। डीईडीएस योजना के अंतर्गत सामान्य वर्ग के किसानों हेतु 25% तथा अनुसूचित जाति के किसानों हेतु 33.33 % की सब्सिडि उपलब्ध है।
देशी नस्लों को बढ़ावा देने पर बल देने को कहा गया। इसके अलावा सत्यजीत भट्टाचार्य, सहा. महाप्रबंधक नाबार्ड ने बताया कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत मुर्गी पालन, बकरी पालन तथा सूअर पालन हेतु सामान्य वर्ग के किसानों को 25% तथा अनुसूचित जाति के किसानों को 33.33 % की सब्सिडि उपलब्ध है।
श्री भट्टाचार्य ने बताया की एग्री क्लीनिक एवं एग्री बिजनेस सेंटर एग्रीकल्चर ग्रेजुएटस के लिए कृषि के क्षेत्र में अपना व्यवसाय स्थपित करने हेतु एक महत्वाकांक्षी सब्सिडि योजना है। इस मौके पर नाबार्ड की ओर से बैंकों द्वारा किसानों को लाभ पहुँचाने हेतु क्षेत्र आधारित योजना बना कर दिया गया जो की जिले के कल्याणपुर, विभूतिपूर, उजियारपुर ब्लॉक में डेयरी के ऊपर तथा समस्तीपुर, वारिसनगर और खानपुर ब्लॉकों मे बकरी पालन पर क्रियान्न्वित किया जाएगा।
मिथिला दुग्ध यूनियन के एमडी डी. के. श्रीवास्तव ने डेयरी संबन्धित तकनीकी जानकारी से प्रतिभागियो को अवगत कराया तथा दुग्ध यूनियन द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दीया। साथ ही इस कार्यक्रम में दुग्ध यूनियन से जुड़े किसानों को लाभ दिलाने का आश्वशन दिया। श्री श्रीवास्तव ने बैंकों से आग्रह किया की वह एमएमयू से सम्बद्ध दुग्ध उत्पादक सहकारी सामीतियों को अपने साथ जोड़ कर किसानों तक इस योजना को पाहुचायें।
डीडीसी ने सभी बैंकों को निर्देश दिया की वह लाभुको का चयन कर सब्सिडि का लाभ नाबार्ड के माध्यम से दिलाएँ तथा इस स्कीम का ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार करें। डीडीसी ने बैंकों से अपने नियम एवं शर्तों के अंतर्गत ज़्यादा से ज्यादा किसानों को इस योजनाओं का लाभ दिलाने हेतु आह्वान किया तथा बैंकों को जल्द से जल्द प्राप्त आवेदनों का मेरिट के आधार पर निपटारा करने को कहा।
वहीँ जीएम डीआईसी ए.के. सिन्हा ने जिले में संचालित नए पशु चारा ईकाईयों के बारे में जानकारी दीया। इस कार्यक्रम में दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक मो० सलीम ने बताया कि बिहार ग्रामीण बैंक जिले में ऋण प्रवाह में सबसे अग्रणी भूमिका निभा रहा है। ऐसे में इन योजनाओं के क्रियान्वयन में भी उनके बैंक के शाखा प्रबंधकों द्वारा आवश्यक भूमिका निभायी जाएगी। इन योजनाओं के क्रियान्वयन से जिले के ऋण प्रवाह को भी गति मिलेगी।
इसके आतिरिक्त इस कार्यक्रम में विभिन्न बैंकों के आधिकारी, एफपीओ, जीविका एवं विभिन्न गैर सरकारी संगठनों से आये प्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने विचार प्रकट किया। जिले में संभावित इक्छुक डेयरी उद्यमियों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम का डीडीएम नाबार्ड के विष्णु के धन्यवाद ज्ञापन द्वारा समापन किया गया।