*ग्रामीण विकास की संभावनाएं एवं चुनौति के विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ। हर खबर पर पैनी नजर।*

राजेन्द्र ठाकुर के साथ नन्द कुमार चौधरी।

समस्तीपुर:- स्व० रामरति देवी के 5वीं पुण्य तिथि के अवसर पर रामरती कुशेश्वर पुस्तकालय दामोदरपुर, विभूतिपुर में ग्रामीण विकास की संभावनाएं एवं चुनौति के विषय पर एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ० बालो यादव ने कीया तथा संचालन विंदेश्वर महतो ने किया। वहीँ कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया।

साथ ही कार्यक्रम के आयोजक सह जिलापार्षद रामदेव राय ने कहा कि आज के दौर में उक्त विषय पर चिंता करना आवश्यक हो गया है। एक तरफ सरकार कहती है कि हम विकास कर गए हैं परंतु आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत समस्याएं हैं।

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र पूसा के डॉ० के के सिंह ने कहा कि गांव के विकास किये बिना देश का विकास करना बेमानी होगी।उन्होंने कहा कि आज भी देश की आवादी का 70 प्रतिशत लोग गांव में रहते हैं। इनके लिए लाभकारी योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करना होगा।

वहीँ मिथिला विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ० दयानिधि प्रसाद ने कहा कि गांव के नई पीढ़ी को शैक्षिक रूप से सम्पन्न करना होगा तब हर स्तर से हम विकास कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने गांव के गरीब, मजदूर किसान, युवा, नौजवान, बेरोजगार को जागृत करने की जरूरत पर विशेष बल दिया। साथ ही बताया कि सबों का बौद्धिक विकास के जरूरी है।

कार्यक्रम में डॉ० उमेश कुंवर कविजी द्वारा रचित पुस्तक डरावना सुराख का लोकार्पण किया गया। इस कार्यक्रम के मौके पर जिलापार्षद स्वर्णिमा सिंह, वालेश्वर सिंह, रीना राय, सीपीआई के अजय कुमार, डॉ फ़ैयाज़, दामोदर कुंवर, डॉ० लाल बाबू, अभिषेक कुमार अनल, आदि ने अपने अपने विचार प्रकट किया।

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