राकेश कुमार यादव।
बेगूसराय बिहार।
बेगूसराय/बछवाडा़:- भारतीय लोकतंत्र में आमलोग एवं सरकारी कार्य में आमसभा सर्वोपरि है, मगर जब इस आमसभा की परवाह एक लोक सेवक नहीं करे तो समझिए की लोकतंत्र पर खतरा है। ऐसे लोकतंत्र पर महज एक धब्बे के रूप में बछवाडा़ सीडीपीओ कार्यरत है। जिन्हे आमसभा की कोई परवाह नहीं है। बेगूसराय के बछवाड़ा प्रखंड क्षेत्र के रसीदपुर पंचायत में प्रखंड विकास पदाधिकारी के निर्देशानुसार आंगनवाड़ी सेविका एवं सहायिका के चयन के लिए शुक्रवार को आमसभा का आयोजन किया गया।
लेकिन सभा से पदाधिकारी ही नदारद रहे। वहीँ स्थानीय लोगों के अनुसार शुक्रवार को ग्यारह बजे से रसीदपुर पंचायत के वार्ड संख्या 7 में आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका के चयन हेतु आमसभा करने का निर्देश प्रखंड विकास पदाधिकारी ने दिया था। जिसमें प्रखंड कार्यालय से एक पदाधिकारी को भी पहुंचना था। शुक्रवार को नियत समय पर सभास्थल पर ग्रामीण तो पहुंच गए लेकिन शाम के तीन बजे तक कोई पदाधिकारी नहीं पहुंच सके। आमसभा में पदाधिकारी के नहीं पहुंचने से स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है।
लोगों ने बताया कि जिस पदाधिकारी को आमसभा में भाग लेना था, उन्हें किसी शादी में जाना था। इसलिए उन्होंने आमसभा में भाग लेना जरूरी नहीं समझा और शादी में चले गए। पदाधिकारियों का यह रवैया कोई नया नहीं है बल्कि अक्सर ऐसा होते रहता है कि आमलोगों के समय की अहमियत न दे कर पदाधिकारी लोग अपने तय कार्यक्रम को घण्टों इंतज़ार करवाने के बाद अगले दिन के लिए टाल देते हैं। उपरोक्त तथ्यों को लेकर जब सीडीपीओ से विचार जानने का प्रयास किया गया तो उन्होने मोबाइल फोन रिसीव नहीं किया। वहीं मामले में आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिका सुधा कुमारी ने कहा कि मैं प्रखंड कार्यालय पहुंची थी जहां से मुझे आमसभा में भाग लेने जाना था लेकिन भारी बारिश की वजह से सभास्थल पर नहीं पहुँच सकी। अब अगली आमसभा 22 जुलाई के बाद किसी दिन की जाएगी जिसकी सूचना स्थानीय लोगों को पहले ही दे दीया जाएगा।