वंदना झा
समस्तीपुर:- कोरोना से बचाव हेतु प्रकृति सेनिटाइजर नीम का पौधा व उसकी पत्ती का करें उपयोग, चैत माह में नीम की पत्तियों का उपयोग हमारे पूर्वज किया करते थे। ताकि अपने शरीर का सेनिटाइजर कर सके, नीम प्रकृति सेनिटाइजर है जो वातावरण को सेनिटाइजर करने की क्षमता रखता है, चैत माह में पतझड़ के बाद नीम के पेड़ों में छोटी-छोटी पत्तियां उगते हैं इन पत्तों को चबाकर कर या पीसकर उनका रस निकाल कर कुछ दिन तक जरूर पीए एवं रस को एक गिलास पानी में एक बूंद डालकर हाथ धो सकते हैं ,रस को पीने से पूरे साल फोड़े, फुंसी बुखार वह अन्य बीमारियां परेशान नहीं करती, वातावरण को शुद्ध करने के लिए नीम की डालियों को घर में टांग भी सकते हैं , पांच तत्वों से बना शरीर को सेनिटाइजर हेतु पांच पौधा का होना जरूरी है नीम, पीपल बरगद, पाकड़, जामुन है
प्रकृतिक बार-बार इशारा कर रही थी सभी अपने में मग्न थे प्रकृति से छेड़छाड़ मानव अस्तित्व के साथ छेड़छाड़ है.. चैत मास चल रहा है और हम सभी को इम्यूनिटी बूस्ट करने की जरूरत है क्यों न नीम ट्राई करें, कोरोना वायरस जैसे प्रकृति के प्रकोप से बचने के लिए हम सब सारे काम धाम छोड़कर चुपचाप अपने घरों में रहे अदरक ,नीम, लॉन्ग, तुलसी का पत्ता एवं गरम पानी का उपयोग जरूर करें, करोना अपनी समय अवधि पूरी कर शांत हो जाएगा, प्रकृति के इस प्रकोप का बस एक ही इलाज है वह है हम सब अपने घरों में बने रहे लॉकडाउन का पालन करें