रमेश शंकर झा/राजकुमार राय,
समस्तीपुर बिहार।
समस्तीपूर:- जिले के वारिसनगर प्रखण्ड क्षेत्र के दौलतपूर गाँव में स्थित अादर्श रा० प्रा० वि० दौलतपूर ऊर्दू स्कूल में ऊर्दू के साथ भद्दा मज़ाक किया जाता है।
एक तरफ जहां बिहार कि हूकूमत ऊर्दू के विकास के लिए सालाना करोड़ों रूपया खर्च करती है तो वहीं ज़िला में अकेला आदर्श प्राथमिक ऊर्दू स्कूल दौलतपूर में ऊर्दू का नामों निशान नहीं नज़र आता है। वहीं स्कूल का नाम भी ऊर्दू में स्कूल के दिवारों पर लिखने में डर व शर्म महसूस होता है।
इस गाँव के बुद्धिजिवियों के जद्दो जेहद के बाद किसी तरह घिसी पिटी शब्दों में ऊर्दू का नाम लिखवाया गया। आज राष्टपिता महाँत्मा गाँधी के 150वीं ज्यतीं व आज़ाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लालबहादूर शास्त्री के जन्मदिन के शूभअवसर पर स्कूल के दूारा निकाले गये प्रभात फेरी में लगे स्कूल के बैनर व कार्ड बोर्डों से साफ पता चलता है कि इस ऊर्दू आदर्श स्कूल में ऊर्दू से दूर -दूर तक कोई वास्ता नहीं है।
इस ऊर्दू स्कूल के पूर्व प्रधानाध्यापक चन्द्रशेखर राय व स्व० मो० अख्तर ने अपने समय में ऊर्दू स्कूल में ऊर्दू कि रक्षा कि जिन्हें ऊर्दू व इस ऊर्दू स्कूल के पोषक क्षेत्र कि जनता हमेशा याद रखेगी।