*निक्षय पोषण राशि डीबीटी एवं नोटिफिकेशन संबंधी हुआ समीक्षा, 2,320 मरीजों को किया गया चिन्हित, हर खबर पर पैनी नजर।* इंडिया पब्लिक न्यूज…

वंदना झा,

मधुबनी:- जिले को यक्ष्मा मुक्त बनाने के लिए सदर अस्पताल के यक्ष्मा कार्यालय में एनटीईपी (नेशनल ट्यूबक्यूलोसिस एलिमेशन कार्यक्रम) के अंतर्गत क्वाट्रो ट्रूनट मशीन से टी.बी जांच, निक्षय पोषण राशि डीबीटी एवं टीबी नोटिफिकेशन के संबंध में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के यक्ष्मा कार्यालय के संचारी रोग पदाधिकारी गिरींद्र मोहन ठाकुर सहित सभी कर्मी सम्मिलित हुए।

इस बैठक में सीडीओ ने बताया की विभाग द्वारा क्वाट्रो ट्रूनट मशीन से टी.बी एवं रिफामिपसिन रेजिस्टेंस टीबी जांच के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में उन्होंने बताया की संबंधित चिकित्सा पदाधिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिस्फी, पंडोल, बाबूबरही, बेनीपट्टी एवं अनुमंडलीय अस्पताल जयनगर, झंझारपुर से अनुरोध किया गया कि प्रयोगशाला प्रोवैधिकी से अविलंब ट्रूनट मशीन से टीबी जांच कार्य लेना सुनिश्चित करें तथा 2 दिनों के अंदर जिला कार्यालय को सूचित करें ताकि राज्य कार्यालय को सुनिश्चित किया जा सके।

टीबी के मरीजों का सरकारी तथा प्राइवेट संस्थानों से नोटिफिकेशन किया जा रहा है। वहीं निर्देश दिया गया की मरीज का नोटिफिकेशन करते हुए बैंक खाता विवरणी, डॉक्टर का प्रिस्क्रिव और आधार डिटेल सम्बंधित स्वास्थ्य केंद्र के एसटीएस, एसटीएलएस को उपलब्ध करावें। इसके साथ ही राज्य स्तर से निर्देश दिया कि जो भी प्राइवेट डॉक्टर को मरीज के नोटिफिकेशन पर 500 रू० तथा आउटकम पर भी 500 रू० देने का प्रावधान है।

जिले मे प्राइवेट क्लिनिक के साथ काम करने वाली जीत एनजीओ को निर्देश दिया गया की उनके द्वारा नोटिफिकेशन डाक्यूमेंट्स समय से ऑफिस को उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण डीबीटी पोषण राशि का भुगतान में बिलम्ब हो रहा है। वहीं मरीज का घर विजिट नहीं किया जाता है। उसमे सुधार करें। सभी एसटीएस, एसटीएलएस को निर्देश दिया गया की दवा खा रहे मरीज का घर उपलब्ध कराये गए दोपहिया वाहन से विजिट करें मरीज का घर का विजिट कम हो रहा है।

*टीबी मरीजों की पहचान होते ही गृह भ्रमण करें:-*
डीपीसी पंकज कुमार ने बताया यक्ष्मा रोग एक जटिल रोग है। इसे जल्द से जल्द पहचान कर इलाज शुरु किया जाना चाहिए, ताकि दूसरों व्यक्तियों में यह संक्रमित बीमारी न पहुंचे। वहीं बैठक के दौरान सभी एसटीएस को यह भी निर्देश दिया कि यक्ष्मा रोग की पहचान होते ही एसटीएस उसके घर का भ्रमण जरूर करें। गृह भ्रमण के दौरान छह वर्ष तक की उम्र के बच्चों को जेएनएच की गोली देना सुनिश्चित करें। वहीं अगर गृह भ्रमण के दौरान उनके घर के किसी व्यक्ति में भी टीबी के लक्षण पाए जाते हैं तो शीघ्र ही उनके बलगम जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।

*टीबी व ट्रूनट मशीन के संचालन के लिए कर्मियों की गई प्रतिनियुक्ति:-*
टीबी व ट्रूनट मशीन के संचालन के लिए एसडीएच जयनगर में मोहम्मद परवेज आलम खां, पीएचसी बाबूबरही में ब्रह्मदेव राम, पीएचसी विसफी में मोहम्मद नाजिम, पीएचसी राजनगर में मोहम्मद इस्मतुल्लाह की नियुक्ति की गई है।

*एमडीआर-टीबी हो सकता है गंभीर, रहें सतर्क:-*
एमडीआर-टीबी होने पर सामान्य टीबी की कई दवाएं एक साथ प्रतिरोधी हो जाती हैं। टीबी की दवाओं का सही से कोर्स नहीं करने एवं बिना चिकित्सक की सलाह पर टीबी की दवाएं खाने से ही सामान्यता एमडीआर-टीबी होने की संभावना बढ़ जाती है।

*जनवरी से जुलाई  तक 2320 मरीजों को किया गया चिन्हित:*
जिले में जनवरी 2021 से 31 जुलाई 2320  टीबी के मरीजों को सरकारी संस्थान तथा 1,112 मरीज प्राइवेट क्लिनिक से चिन्हित किया गया। इस समीक्षा बैठक में अनिल कुमार,  डीपीसी पंकज कुमार, सतनारायण शर्मा, लेखापाल आरके सिंह, भुवन नारायण कंठ, मोहम्मद अमीरूद्दीन, सत्यनारायण शर्मा,लैब टेक्निशियन, एसटीएस, एसटीएलएस मौजूद थे।

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