*राज्य स्तरीय मासिक समीक्षा बैठक का हुआ आयोजन। हर खबर पर पैनी नजर।* इंडिया पब्लिक न्यूज…

RSJ/DESK,

मधुबनी:- जिले को यक्ष्मा मुक्त बनाने के लिए सदर अस्पताल के यक्ष्मा कार्यालय में एनटीईपी (नेशनल ट्यूबक्यूलोसिस एलिमेशन कार्यक्रम) के अंतर्गत निक्षय पोषण राशि डीबीटी एवं टीबी नोटिफिकेशन के संबंध में राज्य स्तरीय जूम वीसी के माध्यम से समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के यक्ष्मा कार्यालय के सीडीओ सहित सभी कर्मी सम्मिलित हुए।  बैठक में बताया गया की विभाग द्वारा प्राइवेट एवं पब्लिक प्लेस से टी.बी.मरीज का नोटिफिकेशन किया जा रहा है साथ ही निर्देश दिया गया की मरीज का नोटिफिकेशन करते हुए बैंक खाता विवरणी, डॉक्टर का प्रिस्क्रिव और आधार डिटेल सम्बंधित स्वास्थ्य केंद्र के एसटीएस/एसटीएलएस को उपलब्ध करावें। साथ ही राज्य स्तर से निर्देश दिया गया जो भी प्राइवेट डॉक्टर को मरीज के नोटिफिकेशन पर को 500 रू.  तथा आउटकम पर भी 500 रू.देने का प्रावधान है। राशि लक्ष्य के अनुरूप डॉक्टरों को  भुगतान  नहीं किया जा रहा है। एमडीआर मरीजों को मिलने वाली राशि भी लक्ष्य के अनुसार भुगतान नहीं हो रहा है इस संबंध में जिले से बताया गया कि कई बैंकों का मर्ज कर दिया गया है जिससे इस तरह की समस्या हो रही है।

जिले मे प्राइवेट क्लिनिक के साथ काम करने वाली जीत एनजीओ को निर्देश दिया गया की उनके द्वारा नोटिफिकेशन डाक्यूमेंट्स समय से ऑफिस को उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण डीबीटी पोषण राशि का भुगतान में बिलम्ब हो रहा है। तथा मरीज का घर विजिट नहीं किया जाता है। उसमे सुधार करें। राज्य स्तर से निर्देश दिया गया कि इस समस्या को एक सप्ताह के अंदर निपटा कर भुगतान किया जाए। सभी एसटीएस/एसटीएलएस को निर्देश दिया गया की दबा खा रहे मरीज का घर उपलब्ध कराये गए दोपहिया वाहन से विजिट करें मरीज का घर का विजिट कम हो रहा है

टीबी मरीजों की पहचान होते ही गृह भ्रमण करें:-
यक्ष्मा रोग एक जटिल रोग है। इसे जल्द से जल्द पहचान कर इलाज शुरु किया जाना चाहिए, ताकि दूसरों व्यक्तियों में यह संक्रमित बीमारी न पहुंचे। वहीं बैठक के दौरान सभी एसटीएस को यह भी निर्देश दिया कि यक्ष्मा रोग की पहचान होते ही एसटीएस उसके घर का भ्रमण जरूर करें। गृह भ्रमण के दौरान छह वर्ष तक की उम्र के बच्चों को जेएनएच की गोली देना सुनिश्चित करें। वहीं अगर गृह भ्रमण के दौरान उनके घर के किसी व्यक्ति में भी टीबी के लक्षण पाए जाते हैं तो शीघ्र ही उनके बलगम जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।

एमडीआर-टीबी हो सकता है गंभीर, रहें सतर्क:-

एमडीआर-टीबी होने पर सामान्य टीबी की कई दवाएं एक साथ प्रतिरोधी हो जाती हैं। टीबी की दवाओं का सही से कोर्स नहीं करने एवं बिना चिकित्सक की सलाह पर टीबी की दवाएं खाने से ही सामान्यता एमडीआर-टीबी होने की संभावना बढ़ जाती है।

जनवरी से मई  तक 1468 मरीजों को किया गया चिन्हित:-

जिले में जनवरी 2021 से 30 जून 2021 तक 1,720 टीबी के मरीज को चिन्हित किया गया है।समीक्षा बैठक में अनिल कुमार, , डीपीसी पंकज कुमार, सतनारायण शर्मा, लेखापाल आरके सिंह, भुवन नारायण कंठ, मोहम्मद अमीरूद्दीन, सत्यनारायण शर्मा,लैब टेक्निशियन, एसटीएस, एसटीएलएस मौजूद रहे।

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